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Thursday, August 22, 2019

Flaxseeds benefits and risks_अलसी के फायदे और नुकसान

   






Flaxseed benefits and risks अलसी के फायदे और नुकसान
अलसी के फायदे


Flaxseed benefits and risks अलसी के फायदे और नुकसान 

सेहत से बढ़कर कुछ नही है।आज हम ऐसे ही एक चमत्कारी बीज के बारे मे चर्चा करेंगे जो सेहत के लिए वरदान है। इस चीज का नाम है "अलसी" जी हाँ अलसी ही है वो बेेेशकीमती बीज जो आज सुपर फ़ूड के रूप मे दृृष्टगोचर हो रहा है।

दुनिया की सब से पुरानी फाइबर फसलों मे से एक है अलसी। माना जाता है कि प्राचीन मिस्र और चीन मे सर्वप्रथम खेती की गई और यहीं से सारे विश्व मे विस्तारित हुई,वर्तमान में यह 50 से अधिक देशों में खेती की जाती है।प्राचीन एशिया मे कई वर्षों तक इस का उपयोग आयुर्वेदिक पद्धति मे किया गया हैै

 अलसी बीज के एक चम्मच में निम्नलिखित शामिल हैं ()1

कैलोरी: 37

प्रोटीन: 1.3 ग्राम

कार्ब्स: 2 ग्राम

फाइबर: 1.9 ग्राम

कुल वसा: 3 ग्राम

संतृप्त वसा: 0.3 ग्राम

मोनोअनसैचुरेटेड वसा: 0.5 ग्राम

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा: 2.0 ग्राम

ओमेगा -3 फैटी एसिड: 1,597 मिलीग्राम

विटामिन बी 1: आरडीआई का 8%

विटामिन बी 6: RDI का 2%

फोलेट: RDI का 2%

कैल्शियम: RDI का 2%

लोहा: RDI का 2%

मैग्नीशियम: RDI का 7%

फास्फोरस: RDI का 4%

पोटेशियम: RDI का 2%

अलसी के प्रकार_Types of flaxseed

Flaxseed benefits and risks अलसी के फायदे और नुकसान
Types of flaxseed

अलसी साधारणतः दो प्रकार के होते है भूरे और सुनहरे।इन के रंग से इन की पौष्टिकता पर कोई प्रभाव नही पड़ता,दोनो ही प्रकार समान रूप से पौष्टिक होते है।पानी के संपर्क मे ये चिपचिपे हो जाते है।

औषधि के रूप मे -flaxseed medicinal benefits 

प्रारभिंक अध्ययनों से पता चलता है कि अलसी ह्रदयरोग, मधुमेह, कैंसर ,अस्थमा,कब्ज,त्वचा संबंधी विकारों को कम करने मे मददगार हो सकते है

कब्ज दूर करने के लिए_To relive constipation

अलसी मे घुलनशील और अघुलनशील दोनो ही तरह के फाइबर प्रचुर मात्रा मे होते है।अघुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित कर फूल जाते है और आंतों मे प्राकर्तिक रेचक का काम करते है जिस से मल त्याग मैं आसानी होती है हालांकि नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ (एनसीसीआईएच) के अनुसार, इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि अलसी का सेवन कब्ज को कम करने में मदद करता है। बहुत कम पानी के साथ इसका सेवन करने से कब्ज बदतर हो सकता है और संभवतः आंतों की रुकावट हो सकती है।

इस लिए पानी का अधिक सेवन करे।

वजन कम करने के लिये_Loose wait with flaxseed



वजन नियंत्रित करने के लिए अलसी का सेवन बहुत लाभदायी है जैसे कि ज्ञात है इस मे 29% कार्ब्स होते है जिसका 95%हिस्सा फाइबर का होता है यह पेट भरा होने का अहसास कराता है कम भूख की भावना अलसी मे पाए जाने वाले घुलनशील फाइबर की वजह से होते है यह पाचन को धीमा कर देती है होता यह है कि हॉर्मोन को उत्प्रेरित करता के की पेट भरा लगे (२)इसके साथ ही इस मे ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो भूख को नियंत्रित करता है जिस से वजन कम करने मे आसानी होती हैै।ताजा  शोध से ज्ञात हुआ है कि यह शरीर में जमा वसा को  तोड़ कर शरीर से बाहर निकालता है।इस के अलावा इस मे पाया जाने वालालिगनेनमेटाबोलिज्म रेेट बढ़ाता है जिस से वजन कम करने मे मदद मिलती है।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे_Reduce Cholesterol level

अलसी मैं मौजूद फाइबर, Phytosterol, और ओमेगा 3 फैटी एसिड ह्रदय को स्वस्त्थ रखते है फाइटोस्टेरोल के अणु की संरचना कोलेेेस्ट्रॉल जैसी होती है जो कि आंत मे कोलेेेस्ट्रॉल को अवशोषित होने से रोकती हैं। अलसी मैं पाया जाने वाला फाइबर पित्त लवण को बांंध कर शरीर से बाहर उत्सर्जित कर देते है।इस पित्त लवण की कमी को पूरा करने के लिए रक्त से कोलेस्ट्ररॉल जिगर द्वारा खींच लिया जाता है ()3।इस प्रक्रिया से स्वतह रक्त से कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है।
इस के अलावा इस मैं पाया जाने वाला ओमेगा3फैटी एसिड का एक प्रकार  अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA)()4जिस के सेवन से हृदयघात के जोखिम को कििया जा सकता है।अतः अलसी का सेेेवन नियमित रूप से करना चाहिए यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढा कर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है ।

रक्त शर्करा मे सुधार Reduce blood sugar

अलसी मे मौजूद लिगनेन और फाइबर मधुमेह के जोखिम को कम करते हैं()5। इस मे मौजूद अघुलनशील फाइबर रक्त में ग्लूकोज को समाहीत होने नही देते और रक्त मे शककर को बढनें नहीँ देते ।पर अभी और शोध होना शेष है।

कैन्सर मे- Cancer

अलसी मे मौजूद ओमेगा3 फैटी एसिड का एक प्रकार ए एल ए है जो कैन्सर की कोशिकाओं के मार्ग को अवरुद्ध कर उन्हें फैलने से रोकती है। इस मे लिगनेन होते है जो रक्त वाहिकाओं मैं कोशिकाओं को टयूमर के रूप मे फैलने से रोकती है।अध्य्यन से ज्ञात हुआ है कि अलसी मैं मौजूद लिगनेन किसी भी और खादय पदार्थ की तुलना मे 800 गुना ज्यादा होते है9
अतः अलसी का सेवन से स्तनकैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकते है।()6 ।

पेट मे सूजन कम करने के लिए

अलसी खाने से पेट की सूजन कुछ हद तक कम किया जा सकता है ।पर साथ ही खूब पानी पिये अन्यथा पेट की समस्या और बढ़ सकती है।(()7 पेेेट के वायुुविकार को कम करती है 

रक्त चाप को नियंत्रित करती है Reduce blood pressure

ब्लड प्रेशर को कम करती है।इस मे लिनोलिक एसिड,लिगनेन और फाइबर होते है ,जो ब्लड प्रेशर को कम करते है ।()8

त्वचा के लिए Flaxseed and skin


त्वचा के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है।इस का सेवन करने से भी और इस को उबटन के रूप  मे भी इस्तेमाल किया जा सकता है।यह त्वचा को हाइड्रेट करती है और चमक लाती है साथ ही एन्टी एजिंग एजेंट की तरह कार्य करती है। हफ्ते मे दो बार इस के पाउडर को बेसन  और दूध के साथ के साथ पैक बना कर चेहरे पर 20 मिनिट के लिए लगाए फिर ठंडे पानी से धो ले चेहरे से डेड सेल निकल जाएंगे और नई चमक आ जायेगी।

बालो के लिए Hair growth treatment


अलसी पाउडर को पानी मे उबालकर छान लें एवम ठंडा कर ले यह जेल की तरह दिखाई देगा इसे फ्रीज़ मैं स्टोर कर ले इस जेल से बाल धोने से 2 घंटे पहले लगाए डेंड्रफ दूर होगा और बालों मैं नई चमक आएगी अलसी के पोषक तत्व बालों मैं नई जान डाल देंगे।बालो मैं अलसी के तेल का प्रयोग भी कर सकते है।

इस मैं उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होता है

यह प्रोटीन और ओमेगा3फैटी एसिड का बहुत बड़ा स्रोत है उन लोगो के लिए जो शाकाहारी होते है वो प्रोटीन पूरक के रूप मे अलसी का सेवन कर सकते है।मछली मैं पाया जाने वाला ओमेगा3 इस मे पाया जाता है (9।

खाने का तरीका और मात्रा

 अलसी पाउडर, टेबलेट, कैप्सूल, मुखवास के रूप में उपलब्ध है | पाउडर के रूप में ही लेना श्रेयस्कर है| कच्ची अलसी को पीसकर पाउडर बना लें और एयरटाइट कंटेनर में भरकर फ्रीज में रख दें। अलसी को भूनकर पीसकर भी खा सकते हैं लेकिन इसे अधिक दिन स्टोर करके नहीं रखना चाहिए क्योंकि  इसके स्वाद और गंध में परिवर्तन आ जाएगा  वैसे कच्ची अलसी ही खानी चाहिए ,कच्चे बीच में उच्च गुणवत्ता के तेल होते हैं, जो गर्म करने से विकृत हो जाते हैं और कुछ ही समय में इसमें गंध आने लगती है।
 अलसी पाउडर को गर्म पानी में भिगोकर 2 घंटे के लिए रख दें और फिर इसे छानकर पी लें ,चाहे तो इसमें दो चम्मच शहद या आधे नींबू का रस मिला सकते हैं।
अलसी के बीज का सूप भी बनाकर पी सकते हैं ।
अलसी पाउडर को केले सेब के साथ स्मूदी बनाकर भी  सेवन कर सकते हैं ।
अलसी के बीज ,मगज के बीज, सौंफ़ सभी को मिलाकर भून ले और पीस लें ,अब इसमें थोड़ा सा मुलेठी पाउडर मिला लें ,उपरोक्त पाउडर को मुखवास के रूप में प्रयोग करें यह पाउडर भोजन को पचाने में सहायक होगा।

 अलसी का नियमित सेवन करें लेकिन ध्यान रखें इसके साथ अधिकाधिक पानी पिए ।

 नियमित रूप से अलसी 10 ग्राम से 50 ग्राम तक खाया जा सकता है पर ध्यान रहे अधिक से अधिक पानी पिए अलसी के  खाने का सही समय है सुबह नाश्ते के बाद।

 अलसी खाने के नुकसान_side effects of flaxseeds

 किसी भी चीज के अपने फायदे और अपने नुकसान होते हैं अलसी खाने पर भी कुछ नुकसान हो सकते हैं
1. कभी-कभी अलसी खाने से पेट में सूजन आ जाता है पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने की वजह से  पेट खराब हो सकता है ।
2.कच्चे और अपरिपक्व अलसी खाने योग्य नहीं होते हैं यह विषाक्त होते हैं। भूल कर भी इसका सेवन ना करें।
3. कभी-कभी अलसी खाने से लोग लो ब्लड प्रेशर हो जाता है ।
4.किसी किसी को इससे एलर्जी हो जाती है उन्हें नहीं खाना चाहिए।
5. ध्यान रहे अलसी खाने के साथ-साथ पानी खूब मात्रा में पिएं

 किन किन को नहीं खाना चाहिए

 मधुमेह के मरीज इसे सीमित मात्रा में सेवन करें क्योंकि यह ब्लड शुगर के लेवल को एकदम से कम कर देता है जो कि शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है
जिन्हें ओवेरियन एंड ब्रेस्ट कैंसर है नहीं खाना चाहिए गर्भावस्था के दौरान नहीं खाना चाहिए ।
स्तनपान कराने वाली महिला को भी नहीं खाना चाहिए गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के करते समय
जिन्हें प्रोस्टेट कैंसर हो ।
बच्चों को नहीं देना चाहिए।
जिन्हें रक्त स्राव अधिक हो रहा हो उन्हें भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह रक्त को पतला कर देता है।

  • अलसी के साथ पानी के उचित मात्रा का सेवन करे                             By Seema Hurkat

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