एहसान
हाँ, तुम मुझे प्यार करते हो,जैसे एक एहसान करते हो ।....
खुमारी की किसी घड़ी में
किया था वादा कभी,
कभी ना साथ छोड़ने का ,
हाँ, तुम साथ रहते हो,
जैसे कोई एहसान करते हो।....
मेरी बेचैनी, मेरी तकलीफ़,
मेरी तन्हाई, मेरे दर्द,
जान के अनजान रहते हो,
हाँ, तुम मेरी परवाह करते हो,
जैसे एक एहसान करते हो।....
काट छांट जो रह जाते है,
जरूरत से रिश्ते निभाते है,
बचा कर नही बचे पल देते है,
हाँ, तुम मुझे वक़्त देते हो,
जैसे एक एहसान करते हो ।.....
By Seema Hurkat
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